Posted on October 13, 2021
आज का हमारा विषय है – बवासीर
बवासीर यह बहुत ही वेदनायुक्त और तकलीफ देने वाली बीमारी है| क्योंकि हर वक्त उठते बैठते यह बीमारी बहुत परेशानी देती है और अगर बवासीर से खून गिरने लगे तो दर्द और परेशानी के साथ कमजोरी और टेंशन भी बढ़ने लगता है|
बवासीर किन लोगों में ज्यादा होता है?
जो लोग ज्यादा तीखा , ज्यादा मांसाहार खाते है और जिनको मलबद्धता की तकलीफ होती हैं उनमे बवासीर ज्यादा पाया जाता है|
इस बवासीर की बीमारी से कैसे बचे?
१)मलबद्धता मत होने दिजिए।
२) गर्मी के लिए बताए गए आरोग्य मंत्र का पालन करें|
आरोग्य मंत्र की वीडियो लिंक हमने नीचे डिस्क्रिप्शन में बताई है वह जरूर देखें|
गर्मी का आरोग्यमंत्र है–
सफेद, मीठे, पानीयुक्त, नारियल युक्त और उबाले हुए पदार्थ खाए।
अगर बवासीर से खून गिरने लगे तो क्या करें?
गर्मी में अगर हम कच्ची हरी मिर्च का सेवन करेंगे जैसे चटनी, पाणी पूरी आदि में तो बवासीर से खून गिरने लगता है |
बवासीर होने पर हमे क्या परहेज करने चाहिए ?
सूरन की सब्जी बनाते वक्त पहले सूरन को एक घंटा छाछ में भिगोकर फिर गरम पानी सेअच्छे से धो दें। इससे सूरन में जो क्षार होते है वह निकल जाते है| सूरन को ऐसे नहीं पकाया तो उससे गले में खराश, पथरी ,संधिवात जैसी बीमारिया होने की संभावना बढ़ जाती है|
अगर आपको बवासीर के साथ मलबद्धता हो तो खाने से पहले गरम पानी या गरम दूध में एक चम्मच घी या बादाम का तेल मिलाकर उसका सेवन करें। इससे पेट अच्छे से साफ होता है, बवासीर की जगह की जलन कम होती है और उधर की त्वचा में आया हुआ रूखापन कम होता है|
इस तरह परहेज और घरेलू नुस्को से आपको बवासीर में काफी राहत मिल जाएगी। लेकिन बवासीर को जड़ से मिटाने के लिए आप वैद्य और डॉक्टर की सलाह जरूर लीजिये| पंचकर्म के क्षारसूत्र कर्म से बवासीर जड से निकलता है ।
यह घरेलू नुस्का आपको कैसा लगा जरूर बताइए और ऐसे घरेलू नुस्को के लिए हमारे साथ बने रहिए|
Stay healthy, Stay blessed ।
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Posted on October 5, 2021
ट्रेजर्स ऑफ आयुर्वेदा मे हम समय के साथ जो आरोग्य का सही अर्थ भूल चुके है उस पर थोड़ी रोशनी डालेंगे|
आज का हमारा विषय है – आहार
आज हम आहार के प्रति नए दृष्टिकोण के बारे मे जानेंगे |
आहार से हमे ऊर्जा मिलती है|
हम जो अन्न खाते है उसीसे हमारे शरीर की हर एक पेशी बनती है।आहार को पुराने जमाने मे यज्ञ माना जाता था |
इसलिए हमे आहार के प्रति एक अलग दृष्टिकोन जानना बहुत जरूरी है|आहार सजीव है ,उसमे ऊर्जा है|आहार की यह ऊर्जा अगर सही जानकारी के साथ शरीर मे जाए तो हम निरोगी रहते है |
आयुर्वेद ने बताया है की खाना खाते वक्त कुछभी काम नही करना चाहिए |
1 . खाना खाते वक्त हमारा मन शांत होना चाहिए | खाना खाते वक्त मन मे जो विचार होते है वही विचार हम अन्न के साथ शरीर मे लेते है और हम उसी तरह बनते है|
2 . खाना खाते समय टी.वी, मोबाइल बंद रखना चाहिए – खाना खाते समय टी.वी, मोबाइल, विडियो कुछ भी चालू नही रखना चाहिए| क्यूकी हमारा ध्यान उन चीज़ों में जाता है | इससे हम क्या खा रहे है हमे पता नही होता | टीवी, मोबाईल के विचार अन्न के साथ शरीर मे जाते है और इस गलत जानकारी के कारण हमारे शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है। हमे अलग अलग बीमारियाँ होने लगती है |
आहार यज्ञ है | आहार हमे हर रोज बना रहा है | उस आहार के साथ हम जो जानकारी शरीर के भीतर भेजते है हमारे शरीर की हर एक पेशी उस गुण की बनती है।
इसलिए सौ बीमारियो का एक इलाज है अन्न खाते वक्त हमारा पूरा ध्यान खाने पर होना चाहिए |
पहले हात जोड कर नमस्कार करना चाहिए | फिर एक पौजेटिव ऊर्जा खाने मे डाले । यह एक यज्ञ है | एक बहुत अद्भुत परिवर्तन है । रोटी ,सब्जी, दाल ,चावल से शरीर की हर एक पेशी बनाना आम बात नही है। अन्न की ऊर्जा का शरीर पेशी में परिवर्तन होते वक्त उसके साथ सही जानकारी information जानी चाहिए तब यह परिवर्तन सही होगा और निरोगी पेशीया बनेगी|जैसे कंप्यूटर मे हमने अगर गलत information जानकारी डाली तो हमे गलत result मिलेगा। पेशी निरोगी होगी तो वह अपना काम सही करेगी।और सब पेशियां अपना काम सही करने लगेगी तो हमे बीमारियां नही होगी।सिर्फ हेल्दी खाना पकाने से फायदा नही है | जब हम खाना खा रहे है उस समय जो वातावरण है वह भी सही चाहिए, अपना मन शांत होना चाहिए और उसके साथ हम जो जानकारी भेज रहे है वह भी सही होनी चाहिये |
यह दृष्टिकोण का हमारे खुद के लिए और विशेष करके छोटे बच्चो के लिए पालन करना बहुत जरूरी है, कि खाना खाते वक्त टी.वी, मोबाइल बंद होने चाहिये और खाते वक्त हमारा पूरा ध्यान खाने पर होना चाहिए |
इस तरह से हम अपने जीवनशैली की छोटी छोटी चीजों मे अगर बदलाव करे तो हम निरोगी रहते है। विशेष रूप से आहार में।
आप यह दृष्टिकोण अपने जीवन में जरूर अपनाए ।
Stay Healthy Stay Blessed.
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